शुक्र को आध्यात्मिक गुरु माना जाता है। यह रोमांस, रचनात्मकता, विवाह, समृद्धि, जुनून, भावनात्मक, लगाव आदि का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर है, तो यह आपके जीवन में संघर्ष की स्थिति निर्मित कर सकता है। इससे बचने का सबसे प्रभावी उपाय शुक्र पूजा है, जो आपकी कुंडली में शुक्र को सकारात्मक प्रभाव को मजबूती प्रदान करेगी। यह सबसे सरल और लाभदायक तरीका है।
- शुक्र ग्रह शांति पूजा से कुंडली में ग्रहों की स्थिति के हानिकारक प्रभावों को समाप्त किया जा सकता है।
- जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, इस पूजा को करने से उनका स्वास्थ्य एकदम दुरुस्त हो जाता है।
- शुक्र ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है, इसलिए जो लोग ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं और कुछ नया सीखना चाहते हैं, उन्हें यह पूजा अवश्य कराना चाहिए।
- शुक्र दृढ़ संकल्प, शक्ति और साहस का भी प्रतीक है। इसलिए, पूजा के दौरान मंत्रों के जाप से उनके नकारात्मक गुणों को दूर किया जा सकता है।
- शुक्र तामसिक गुणों से जुड़ा हुआ है, इसलिए सांसारिक सुख और विलासिता प्राप्त करने के लिए शुक्र का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
- यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सच्ची भक्ति और विश्वास ही देवताओं को प्रसन्न कर सकता है। इसलिए, उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विनम्रतापूर्वक उनके सामने आत्मसमर्पण करना चाहिए।
शुक्र ग्रह शांति पूजा कैसे काम करती है?
- शुक्र पूजा पारंपरिक शुक्र मंत्र का 16000 बार जाप करने के साथ षोडशोपचार चरणों के साथ की जाती है।
- पूजा में हवन या यज्ञ अनुष्ठान भी शामिल है। जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान शुक्राचार्य (शुक्र) से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री शुक्र के 1600 मंत्रों के पाठ के साथ अग्नि को अर्पित की जाएगी।
- आपकी जन्मकुंडली में ग्रह के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने और अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए यज्ञ या हवन एक महत्वपूर्ण उपाय है।
- पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त यानी शुक्रवार या “शुक्र नक्षत्र” के दिन की जाएगी।
- पूजा MyPandit द्वारा नियुक्त 5 पुजारियों द्वारा की जाएगी। जिसका नेतृत्व शुक्र ग्रह शांति पूजा के विशेषज्ञ पंडित द्वारा किया जाएगा।
परिवहन विवरण
पूजा से संबंधि यंत्र, यज्ञ भस्म और पेंडेंट को पूजा के बाद कूरियर सेवाओं के माध्यम से भेजा जाएगा। जो भारत में 5 से 10 कार्यदिवस और विदेशों में 10 से 15 दिन का समय लेते हैं।