पूजा कैसे सहायक है
यह पूजा शनि देव के आशीर्वाद और हनुमानजी के दिव्य संरक्षण का मिलन है। दोनों की संयुक्त ऊर्जा एक शक्तिशाली आध्यात्मिक कवच बनाती है, जो नकारात्मकता को दूर कर जीवन में स्थिरता और प्रगति लाती है।
- तेल अभिषेक:- तिल के तेल से अभिषेक समर्पण, विनम्रता और कर्मों के शुद्धिकरण का प्रतीक है। यह शनि की कठोरता को शांत करता है, मानसिक तनाव कम करता है और जीवन में स्थिरता, स्पष्टता और आंतरिक शांति प्रदान करता है।
- 11 हनुमान चालीसा पाठ:- हनुमानजी के 11 बार पाठ से उनका साहस, शक्ति और संरक्षण जागृत होता है। यह शनि दोष, साढ़े साती और शनि महादशा के दुष्प्रभावों को कम कर मन और जीवन दोनों को संतुलित करता है।
- फल:- मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता, करियर में सुधार, रिश्तों में संतुलन और चुनौतियों का सामना करने के लिए नया आत्मविश्वास व धैर्य।
पूजा के लाभ
- आर्थिक तनाव, धन रुकावट और करियर में विलंब से मुक्ति
- शनि दोष, साढ़े साती और शनि महादशा के दुष्प्रभावों से शक्तिशाली सुरक्षा
- मन की शांति, आत्मविश्वास और एकाग्रता में वृद्धि
- नकारात्मक ऊर्जा, भय और मानसिक दबाव से रक्षा
- रिश्तों में स्थिरता, समझ और भावनात्मक संतुलन
- शनि देव और हनुमानजी की कृपा से दीर्घकालिक प्रगति और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन
पूजा की प्रक्रिया (2 घंटे की सामूहिक पूजा)
- गणेश एवं मातृका पूजा:- पूजा की शुरुआत विघ्न विनाशक गणपति और मातृ शक्तियों की आराधना से होती है, जिससे पवित्रता स्थापित होती है और सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- कलश स्थापना:- दिव्य ऊर्जा और देवत्व को आमंत्रित करने के लिए कलश स्थापित किया जाता है।
- शनि द्वादशोपचार पूजा व तेल अभिषेक:- तिल के तेल और काले तिल से शनि देव का अभिषेक कर उनके कठोर प्रभाव को शांत किया जाता है तथा कर्म बंधन कम किए जाते हैं।
- 11 हनुमान चालीसा पाठ:- हनुमानजी के 11 बार पाठ से शक्ति, साहस और दृढ़ सुरक्षा प्राप्त होती है, जो शनि के दुष्प्रभावों को कम करती है।
- आरती एवं आशीर्वाद:- अंत में आरती के साथ शांति, समृद्धि, सुरक्षा और निरंतर प्रगति का आशीर्वाद दिया जाता है।





मोहन सिंह –
राजीव मेहता –
पूजा त्रिवेदी –
अमित चौधरी –
दिव्या पांडे –
संजना गुप्ता –
कविता देशमुख –