Mangal Rahu Angarak Dosha Puja ( मंगल राहु अंगारक दोष पूजा )
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में मंगल और राहु का एक ही घर में स्थिति होना अंगारक दोष को जन्म देता है। अंगारक शब्द का अर्थ आग या अंगारे से है जो मंगल का स्वभाव है। परिणामस्वरूप, मंगल और राहु के प्रतिकूल प्रभाव से प्रभावित लोगों को क्रोधी, पित्त प्रवृत्ति, दुर्घटना, रक्त संबंधी रोग और त्वचा की समस्याओं का सामना कर पड़ सकता है।
मंगल – राहु अंगारक दोष अपने स्थान और संयोजन की डिग्री के आधार पर अलग – अलग परिणाम देता है। अपने आक्रामक स्वभाव और जल्दबाजी में लिए गए फैसलों के कारण उन्हें अपने करियर और रिश्तों में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। दोष के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के लिए मंगल राहु अंगारक दोष निवारण पूजा सबसे प्रभावी वैदिक विधि है।
- राहु मंगल अंगारक दोष तब होता है जब मंगल कुंडली में किसी भी घर में राहु के युति बना का बैठा होता है।
- वैदिक ज्योतिष में राहु मंगल अंगारक दोष को अशुभ माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु मंगल अंगारक दोष या अंगारक योग होता है, तो हानिकारक ग्रहों के प्रभाव बढ़ जाते हैं। इसके विपरीत शुभ ग्रहों के शुभ प्रभाव कम होते हैं।
- चूंकि मंगल ग्रहों का सेनापति और अग्नि से जुड़ा एक योद्धा ग्रह है, इसलिए अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक आक्रामक और अक्सर हिंसक होता है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु मंगल अंगारक दोष होता है, वह अक्सर हर चीज के प्रति नकारात्मक विचार और दृष्टिकोण रखता है, जिसके परिणामस्वरूप रिश्ते तनावपूर्ण होते हैं।
- उन्हें जीवन में अप्रत्याशित दुर्घटनाओं, नुकसान और दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता हैं। अंगारक दोष के कारण धन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- कुंडली में अंगारक दोष के हानिकारक प्रभावों की गंभीरता दोष के लिए जिम्मेदार घर के आधार पर भिन्न होती है।
- अंगारक दोष निवारण पूजा अंगारक दोष के हानिकारक प्रभावों से छुटकारा दिलाती है और स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और मन की शांति प्रदान करती है।
मंगल राहु अंगारक दोष पूजा कैसे काम करती है?
अंगारक दोष निवारण पूजा में प्रधान – देवता राहु और मंगल की पूजा सहित अन्य पांच आवश्यक देवताओं, अर्थात् गणेश, शिव, मातृका और नवग्रह शामिल हैं। पूजा में मंगल बीज मंत्र का 10,000 बार और राहु बीज मंत्र 18,000 बार जाप करना शामिल है।
- इसके बाद एक हवन अनुष्ठान किया जाता है जिसमें घी, सीसम, जौ और भगवान मंगल और राहु से जुड़ी अन्य पवित्र सामग्री को 1,000 मंगल मंत्रों और 1,800 राहु मंत्रों का पाठ करते हुए अग्नि को अर्पित किया जाता है।
- आपकी कुंडली में मौजूद अंगारक दोष के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के लिए यज्ञ व होम एक आवश्यक ज्योतिषीय उपाय है।
- सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा निकटतम सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त पर, यानी राहु या मंगल नक्षत्र में और मंगलवार या बुधवार के दिन की जाएगी।
- वैदिक पूजा My Pandit के विद्वान और मंगल राहु अंगारक दोष पूजा के अपार ज्ञान के साथ 5 पंडितों के एक समूह द्वारा पूरी की जाएगी इस पूरी पूजा प्रक्रिया का नेतृत्व एक गुरु पंडित करेंगे।
शिपिंग डीटेल
पूजा के बाद यंत्र, यज्ञ भस्म और पेंडेंट को कूरियर सेवा के माध्यम से आपके द्वारा उपलब्ध पते पर पहुंचा दिया जाता है। इन वस्तुओं की डिलीवरी भारत में 5 से 10 कार्य दिवस और अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग 10 से 15 कार्य दिवस में प्राप्त हो जाती हैं।